dil shayari dp For Best Friend
- ज़माने भर की रुसवाईयां और बेचैन रातें,
ऐ दिल कुछ तो बता ये माज़रा क्या है?
- अब जिसके जी में आये वही पाये रौशनी,
हमने तो दिल जला कर सरेआम रख दिया।
Ab Jiske Jee Mein Aaye Wohi Paaye Roshani,
Humne To Dil Jala Kar Sar-e-Aam Rakh Diya.
dil rakhna shayari For Best Friend
- उसे किसी की मोहब्बत का ऐतबार नहीं; उसे ज़माने ने शायद बहुत सताया है।
- kisi ke dil ko
किसी के दिल को चोट पंहुचा कर माफ़ी मांगना बहुत ही आसान है लेकिन खुद चोट खाकर दुसरो को माफ़ करना बहुत मुश्किल
dil shayari pictures For Best Friend
- देश मेरा क्या बाजार हो गया है
पकड़ता हूँ जो तिरंगा हाथ में लोग पूछते हैं कितने का है
Er kasz
- कोई चला गया दूर तो क्या करें; कोई मिटा गया सब निशान तो क्या करें; याद आती है अब भी उनकी हमें हद से ज्यादा; मगर वो याद ना करें तो क्या करें।
dil shayari on facebook For Best Friend
- दुआओ को भी अजीब इश्क है मुझसे
वो कबूल तक नहीं होती मुझसे जुदा होने के डर से
- कभी पत्थर कहा गया तो कभी शीशा कहा गया,
दिल जैसी एक चीज को क्या क्या कहा जाए।
dil shayari dp pic For Best Friend
- Dil Wo Hai Jo Fariyad Se Bhara Rehta Hai Har Waqt,
Hum Wo Hain Ki Kuchh Munh Se Nikalne Nahi Dete.
- काश की खुदा ने दिल शीशे के बनाये होते,
तोड़ने वाले के हाथों में जख्म तो आए होते।
dil ki shayari For Best Friend
- घर बना कर मेरे दिल में वो छोड़ गया; न ख़ुद रहता है न किसी और को बसने देता है।
- दिल से ख़याल-ए-सनम भुलाया न जाएगा,
सीने में दाग़ है कि मिटाया न जाएगा।
dil jakhmi shayari For Best Friend
- हमें उनसे कोई शिकायत नहीं; शायद हमारी ही किस्मत में चाहत नहीं; हमारी तक़दीर को लिख कर तो ऊपर वाला भी मुकर गया; पूछा जो हमने तो बोला यह मेरी लिखावट नहीं।
- ab to moh apna mat dikhao mujhe
nasahu main sudhar gaya kab ka
mera mursat se nikal do naam
main to khud se muqar gaya kab ka
dil tuta shayari For Best Friend
- कदर कर लो उनकी जो तुमसे,
बिना मतलब की चाहत करते है,
दुनिया मे ख्याल रखने वाले कम,
और तकलीफ देने वाले ज्यादा होते है! ✍ ?
- आपसे रोज़ मिलने को दिल चाहता है,
कुछ सुनने सुनाने को दिल चाहता है,
था आपके मनाने का अंदाज़ ऐसा,
कि फिर रूठ जाने को दिल चाहता है।
dil heart shayari For Best Friend
- teri mohbbat ko paane ke liye kiya kuch nahi humne
mein be-wafa hi sahi tu apni wafa to saabit kro
लोग कह्ते है की बीना महेनत कुछ पा नहि सकते
ना जाने ये गम पाने के लिये कौन सी महेनत करली मैने
- फलक से चाँद उतारा गया; मेरी आस का एक सहारा गया! मैं दो बूँद पानी तरसती रही; मेरे होंठों से ज़हर गुज़ारा गया!
dil shayari share chat For Best Friend
- Koi khusiyo ki chah main roya,
Koi dukhon ki panah main roya,
Ajeeb silsila hai ye zindagi ka,
Koi bharose ke liye roya,
Toh koi bharosa karke roya. ??
- ऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत किसी से,
इश्क में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा,
टूट कर बिखर जायेगा अपनों के हाथो से,
किसने तोड़ा ये भी किसी से कह नहीं पयेगा।
shayari dil tuta hua For Best Friend
- Le Gaya Chheen Ke Kaun Aaj Tera Sabr-o-Qaraar,
Be-Qaraari Tujhe Ai Dil Kabhi Aisi Toh Na Thi.
ले गया छीन के कौन आज तेरा सब्र-ओ-करार,
बेक़रारी तुझे ऐ दिल कभी ऐसी तो न थी।
- मुझ को मज़ा है छेड़ का दिल मानता नहीं,
गाली सुने बगैर सितमगर कहे बगैर।
Mujhko Mazaa Hai Chhed Ka Dil Maanta Nahi,
Gaali Sune Bagair SitamGar Kahe Bagair.
dil shayari urdu sms For Best Friend
- tere gurur ko dekh kar teri tamanna chhodi humne
zra hum bhi to dekhein kaun chahta hai tumhein hamari tarah
हमने तो एक ही शख्स पर चाहत ख़त्म कर दी
अब मोहब्बत किसे कहते है मालूम नहीं
- Jhoonth Kahun To Lafzon Ka Dam GhutTa Hai,
Sach Kahun To Log Khafa Ho Jaate Hain.
dil shayari e For Best Friend
- tumhara husn
तुम्हारा हुस्न आराइश.तुम्हारी सादगी जेवर
तुम्हें कोई जरूरत ही नहीं बनने-संवरने की
- अभी कमसिन हो रहने दो
कहीं खो दोगे दिल मेरा,
तुम्हारे ही लिए रक्खा है
ले लेना जवाँ हो कर।
Abhi Kamsin Ho Rehne Do
Kahin Kho Doge Dil Mera,
Tumhare Liye Hi Rakha Hai
Le Lena Jawaan Ho Kar.
dil saaf shayari in hindi For Best Friend
- tum jaan bhi mangte to tumhe has kr tujhe de dete
teri koi bhi baat taali bhi to nahi jaati
हुश्न और इश्क में क्या गजब की यारी है
एक परिंदा है तो दूसरा शिकारी है
- छोड़ दो किस्मत की लकीरों पे यकीन करना,
जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज़ है।
dil me shayari photo For Best Friend
- mana ke tere piyaar ke qabil nahi hai hum
magar itni bhi nafrat na kar ke jee bhi na paye hum
- दर्द के मिलने से ऐ यार बुरा क्यों माना; उस को कुछ और सिवा दीद के मंज़ूर न था।