Top 150 Jaun Elia Famous 50 Sher – जनाब जॉन एलिया के कुछ बेहतरीन शेर

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  • जॉन एलिया उर्दू शायरी की महफ़िल का एक बहुत बड़ा नाम हैं। उनके लिखे शेरों को पढ़कर यह लगता है कि उन्होंने खुद को इश्क़ में इस कदर आबाद कर लिया था कि आज तक की पीढ़ियों में भी जॉन की मक़बूलियत बरकरार है।
    पेश हैं उनके लिखे कुछ मशहूर शेर
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  • कैसे कहें कि तुझ को भी हम से है वास्ता कोई
    तू ने तो हम से आज तक कोई गिला नहीं किया
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  • तू मुझे ढूँढ़ मैं तुझे ढूंढ़ूं
    कोई हम में से रह गया है कहीं
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  • जो गुज़ारी न जा सकी हम से
    हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है
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  • ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता
    एक ही शख़्स था जहान में क्या
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  • जो गुज़ारी न जा सकी हम से
    हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है
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  • मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बस
    ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं
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  • ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता
    एक ही शख़्स था जहान में क्या
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  • उसके पहलू से लग के चलते हैं
    हम कहीं टालने से टलते हैं
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  • मै उसी तरह तो बहलता हूँ
    और सब जिस तरह बहलतें हैं
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  • वो है जान अब हर एक महफ़िल की
    हम भी अब घर से कम निकलते हैं
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  • क्या तकल्लुफ्फ़ करें ये कहने में
    जो भी खुश है हम उससे जलते हैं
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  • अजब था उसकी दिलज़ारी का अन्दाज़
    वो बरसों बाद जब मुझ से मिला है
    भला मैं पूछता उससे तो कैसे
    मताए-जां तुम्हारा नाम क्या है?
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  • साल-हा-साल और एक लम्हा
    कोई भी तो न इनमें बल आया
    खुद ही एक दर पे मैंने दस्तक दी
    खुद ही लड़का सा मैं निकल आया
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  • दौर-ए-वाबस्तगी गुज़ार के मैं
    अहद-ए-वाबस्तगी को भूल गया
    यानी तुम वो हो, वाकई, हद है
    मैं तो सचमुच सभी को भूल गया
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  • रिश्ता-ए-दिल तेरे ज़माने में
    रस्म ही क्या निबाहनी होती
    मुस्कुराए हम उससे मिलते वक्त
    रो न पड़ते अगर खुशी होती
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  • दिल में जिनका निशान भी न रहा
    क्यूं न चेहरों पे अब वो रंग खिलें
    अब तो खाली है रूह, जज़्बों से
    अब भी क्या हम तपाक से न मिलें
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  • शर्म, दहशत, झिझक, परेशानी
    नाज़ से काम क्यों नहीं लेतीं
    आप, वो, जी, मगर ये सब क्या है
    तुम मेरा नाम क्यों नहीं लेतीं
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  • एक हुनर है जो कर गया हूँ मैं
    सब के दिल से उतर गया हूँ मैं
  • fresh trends 1310 19
  • कैसे अपनी हँसी को ज़ब्त करूँ
    सुन रहा हूँ के घर गया हूँ मैं
  • fresh trends 1310 20
  • क्या बताऊँ के मर नहीं पाता
    जीते जी जब से मर गया हूँ मैं
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  • अब है बस अपना सामना दरपेश
    हर किसी से गुज़र गया हूँ मैं
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  • वो ही नाज़-ओ-अदा, वो ही ग़मज़े
    सर-ब-सर आप पर गया हूँ मैं
  • fresh trends 1310 23
  • अजब इल्ज़ाम हूँ ज़माने का
    के यहाँ सब के सर गया हूँ मैं
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  • कभी खुद तक पहुँच नहीं पाया
    जब के वाँ उम्र भर गया हूँ मैं
  • fresh trends 1310 25
  • तुम से जानां मिला हूँ जिस दिन से
    बे-तरह, खुद से डर गया हूँ मैं
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  • कू–ए–जानां में सोग बरपा है
    के अचानक, सुधर गया हूँ मैं
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  • दिल ने वफ़ा के नाम पर कार-ए-जफ़ा नहीं किया
    ख़ुद को हलाक कर लिया ख़ुद को फ़िदा नहीं किया
  • fresh trends 1310 28
  • कैसे कहें के तुझ को भी हमसे है वास्ता कोई
    तूने तो हमसे आज तक कोई गिला नहीं किया
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  • तू भी किसी के बाब में अहद-शिकन हो ग़ालिबन
    मैं ने भी एक शख़्स का क़र्ज़ अदा नहीं किया
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  • जो भी हो तुम पे मौतरिज़ उस को यही जवाब दो
    आप बहुत शरीफ़ हैं आप ने क्या नहीं किया
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  • जिस को भी शेख़-ओ-शाह ने हुक्म-ए-ख़ुदा दिया क़रार
    हमने नहीं किया वो काम हाँ बा-ख़ुदा नहीं किया
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  • निस्बत-ए-इल्म है बहुत हाकिम-ए-वक़्त को अज़ीज़
    उस ने तो कार-ए-जेहन भी बे-उलामा नहीं किया
  • fresh trends 1310 33
  • सर येह फोड़िए अब नदामत में
    नीन्द आने लगी है फुरकत में
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  • हैं दलीलें तेरे खिलाफ मगर
    सोचता हूँ तेरी हिमायत में
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  • इश्क को दरम्यान ना लाओ के मैं
    चीखता हूँ बदन की उसरत में
  • fresh trends 1310 36
  • ये कुछ आसान तो नहीं है कि हम
    रूठते अब भी है मुर्रबत में
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  • वो जो तामीर होने वाली थी
    लग गई आग उस इमारत में
  • fresh trends 1310 38
  • वो खला है कि सोचता हूँ मैं
    उससे क्या गुफ्तगू हो खलबत में
  • fresh trends 1310 39
  • ज़िन्दगी किस तरह बसर होगी
    दिल नहीं लग रहा मुहब्बत में
  • fresh trends 1310 40
  • मेरे कमरे का क्या बया कि यहाँ
    खून थूका गया शरारत में
  • fresh trends 1310 41
  • रूह ने इश्क का फरेब दिया
    ज़िस्म को ज़िस्म की अदावत में
  • fresh trends 1310 42
  • अब फकत आदतो की वर्जिश है
    रूह शामिल नहीं शिकायत में
  • fresh trends 1310 43
  • ऐ खुदा जो कही नहीं मौज़ूद
    क्या लिखा है हमारी किस्मत में
  • fresh trends 1310 44
  • अपने सब यार काम कर रहे हैं
    और हम हैं कि नाम कर रहे हैं
  • fresh trends 1310 45
  • अब तो हर बात याद रहती है
    ग़ालिबन मैं किसी को भूल गया

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